सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) आर्थिक विकास के इंजन के रूप में और समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते है। एमएसएमई को मजबूत करने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग (एमएसएमई) विभाग का गठन 5 अप्रैल, 2016 को किया गया था। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के गठन का लक्ष्य एमएसएमई के लिए ऐसी नीतियां बनाना है, जो कि उन्हें विकसित करने के साथ साथ सक्षम भी बनाए । सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग की मदद से एमएसएमई मध्य प्रदेश में सामाजिक-आर्थिक विकास और रोजगार के अवसर को बढ़ावा देने का कार्य करते है। ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देकर विभाग ग्रामीण अर्थव्यवस्था के साथ-साथ सामान्य ग्रामीण लोगों और विशेष रूप से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त करता है। विभाग एमएसएमई को ऋण, प्रौद्योगिकी तथा स्थानीय एवं वैश्विक बाजार तक की पहुँच प्रदान करता है। एमएसएमई को न्यूनतम साझा सुविधा प्रदान करने के लिए विभाग क्लस्टरो का विकास भी करता है। स्व-रोजगार योजनाओं के माध्यम से विभाग युवाओं को प्रोत्साहित करता हैं, ताकि वह अपने गृह शहर/गांव में अपने उद्यम स्थापित कर सके।